Tuesday, July 1, 2025

खंजर !

Representative image , "female figurine holding a knife"
 
 कभी इज़हार कर, कभी इकरार कर,
बेवफ़ा बन के कभी बेकरार कर ;
फिर एक खंजर उतार दिया।

बेवक़्त मुलाकात को कभी आ कर,
कभी दिन भर का इंतजार ज़ाया कर;
फिर एक खंजर उतार दिया।

कभी यूं ही रूठ रुसा कर,
 किसी भी तरह कभी न मान कर;
फिर एक खंजर उतार दिया।

कभी बेपनाह प्यार से संवार कर,
कभी हर उम्मीद को दुत्कार कर;
फिर एक खंजर उतार दिया 

कभी जिस्म बनकर, कभी जान बनकर,
कभी बेबस का ख्याल बनकर;
फिर एक खंजर उतार दिया।

 दोस्त बनकर कभी हमसफर बनकर,
मुंह फेरकर कभी अजनबी बनकर;
फिर एक खंजर उतार दिया।

 नाहक तोहमतों के कभी बोल बोल कर,
सामने आकर भी कभी चुप रहकर;
फिर एक खंजर उतार दिया।

उम्र भर का कभी सपना दिखा कर,
दो कदम पर ही कभी हाथ छुड़ा कर;
फिर एक खंजर उतार दिया।




 





 


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