Friday, October 10, 2025

जिन्न का चिराग!

AI generated image.
 
 किस जादू से बांध  रखा है मुझे? 
क्या न दे दूं मैं तुम्हे; क्या चाहिए?
न जाने ये प्यार कहां से उमड़ रहा है; 
मुझे तो तुम्हे नफ़रत से देखना चाहिए!
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

सच में देने को कुछ हाथ नहीं है मेरे;
 दुआ सलाम नही; मुझ से को टालना चाहिए!
खिलौना जिसे तुम कब का तोड़ चुकी हो;
खास चलता नहीं है; अब क्यों चाहिए?
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

जीना मरना इंसा के वश नहीं, 
कोशिश कर ले, चाहे जितना चाहिए।
इस बार साथ बड़े कम वक्त रहा;
 जीवन भर का ही होना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

शुरू से फिर शुरू करेंगे, 
शुरू से हिसाब होना चाहिए!
क्यों जाता वो;  इस जन्म गर आना होता?
 इंतज़ार करना भी क्यों चाहिए?
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

वक्त भी कुछ खास  बचा नहीं है;
  तुम्हे क्या अब खाक चाहिए?
खूब पहचान कर भी जो अनजान बने,
 उसे कुछ कहना भी नहीं चाहिए।
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

जिसको तुम पाना चाहो;
उसको भी तुम्हे चुनना चाहिए।
अब मिलेगा नहीं कभी भी वो;
 फिर भी राह तकते रहना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

नालायक थी चाहत मेरी;
 शायद उसे धोखा ही खाना चाहिए!
अबके मजबूत डाली पर घोंसला बनाएंगे; 
हर तिनका सहेज के रखना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है; होना ही चाहिए!

हर लालच से; अपनी खुदगर्जी से; 
सच्चे को छलने से, बचना चाहिए।
इस बार तो तुमसे नहीं हुआ; 
अपने से सच बोलना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए।

चलो फिर कुछ इक वादे करें; 
बस तुम्हे निभाना आना चाहिए।
अगले किसी जन्म  जब फिर मिलेंगे;
 तुमको मेरा हाथ पकड़ कर रखना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है होना ही चाहिए!

सुनो, मैं कोई लफंगा नहीं हूं; 
 जिसे ब्लॉक कर ज़लील करना चाहिए।
 उम्र भर तुम्हे अब कोई आवाज़ न दूंगा;
 क्यों, जब तुम्हे ही नही चाहिए....
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए।

मेरी चाहत ने बहुत बेआबरू किया है ;
 चाहत को और कितना चाहना चाहिए?
चुपचाप वफ़ा करेंगे पहले के जैसे; 
नाकाम इश्क को यही करना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए।

भूल जाना चाहता हूं सब कुछ मैं ।
 उसमें तुम्हे भी शामिल करना चाहिए?
बनूं मैं भी इंसा ऐसा ही?
 क्या मुझे भी वादे भूल जाना चाहिए?
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए।

तोहमतें तो मैं तुम्हे बेहिसाब दे दूं;
 कोई फायदा भी होना चाहिए।
किस किस बात को रोएंगे हम; 
अब ये सब कम करना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए!

देने को पास तुम्हारे दुनिया थी पूरी; 
सारी वैसी जैसी मुझको चाहिए।
इस बार मेरे भाग में क्या क्या आया?
 वो बात ही न करनी  चाहिए!
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए!

ईश्वर तुम्हे हर सुख दे; 
 हां ,ये  वरदान चाहिए ही चाहिए।
आज़ाद नहीं जो आज मैं कुछ दे पाऊं;
   हक नही जो तुमसे कुछ मांगना चाहिए।
अगला जन्म भी होता है, होना ही चाहिए!
 
चमकती, गुलाबी, सुनहरी रहे दुनिया तुम्हारी;
 तुम्हे खुश खुशहाल होना चाहिए।
मन में रोज दीवाली मनती रहे तुम्हारे; 
 मेरे चिराग को अब बुझ जाना चाहिए!
मेरे  चिराग को अब बुझ जाना चाहिए! 













 

No comments:

Post a Comment

You are welcome to add a byte to our bark. You can agree, disagree, be critical, humorous or sarcastic. Add information or correct information. We do not have a copy editor so we'll not edit a single word of yours. We however have an in-house butcher who'll entirely cut away any abusive post. Come to think of it, most editors have the finesse of a butcher anyway!